Hair troubled by the problem, follow the Prescribed 58 ...
राज लाये हैं बालों के झड़ने, जल्द पकने, दोमुहें, घुंघराले, गंजेपन, रुसी से छुटकारा पाने के 58 नुस्खे
कुछ लोगों की शिकायत होती है कि उनके बाल गिरने के बाद पुनः उगते नहीं हैं। बालों का झडऩा ही बढ़ते हुए यह गंजेपन का रूप ले लेता है। चिंता, परेशानी, सदमा और दुर्घटना से भी सिर के बाल गिरने लगते हैं। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें आजमाकर गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ...आइए उन उपायों के बारे में जानें।
परिचय : सिर के बाल जब उड़ जाते हैं तो खोपड़ी खल्वाट (बालों रहित) हो जाती है जिसे गंज कहते हैं।
विभिन्न भाषाओं में नाम : अरबी ताकपर, चुलीउत्थ।
बंगाली- टाक, खालित्य।
डोंगरी-गेंजा, गेन्दा, गु गंजो।
हिन्दी- गंजा।
कन्नड़-कोऊडलु उदरूवुडु।
मलयालम- कसन्ती।
मराठी-टकला पाडने।
उड़िया-चांदा।
पंजाबी-वेंगंजा।
तमिल त्रुकालुटा।
अंग्रेजी-अलापेसिया।
कारण : गंजापन और बाल झड़ने के विभिन्न कारण होते हैं जो निम्नलिखित हैं- मानसिक कार्य अधिक करना, वंशानुगत (पीढ़ियों से चला आया गंजापन का रोग), भोजन में विटामिन्स की कमी, वृद्धावस्था (बुढ़ापा),
रक्तविकार (खून की खराबी), सिर में दाद , फेवस ( रूसी) आदि। कंघी या सिर की मालिश करते समय टूटे बाल हाथ में आते रहते हैं। धीरे-धीरे सिर में बाल नहीं के बराबर रह जाते हैं।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
1. हाथी-दांत : हाथी-दांत की राख में बकरी का दूध और रसौत को मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उगने लगते हैं।2. आम : एक साल पुराने आम के अचार के तेल से रोजाना मालिश करें। इससे गंजेपन का रोग कम हो जाता है।
3. केला : पके केले के गूदे को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
4. दही : दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसे सिर में लगाने से गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
5. पत्तागोभी : पत्तागोभी के रस से एक महीने तक सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग
सही हो जाता है।
6. फिटकरी : 5-5 ग्राम फिटकरी और छड़ेला को पानी के साथ पीसकर गंजेपन की जगह 3-4 दिनों तक लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
7. कबीला : 5-5 ग्राम कबीला, कच्चा सुहागा तथा कम भुनी राई को एक साथ पीसकर सिर के गंजेपन पर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करें। इससे गंजेपन का रोग मिट जाता है।
8. अरण्डी (एरण्ड) : अरण्डी (एरण्ड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
9. तम्बाकू : 20-20 ग्राम तम्बाकू का जला गुल और कनेर के पत्ते को 100 मिलीलीटर सरसों के तेल में जलाकर ठंड़ा कर मिला लें और इसे सिर में लगायें। इससे सिर के बाल आना शुरू हो जाते हैं।
10. झाऊ : 100 ग्राम झाऊ की जड़ छाया में सुखाकर दरदरा यानी मोटा-मोटा कूटकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, 100 मिलीलीटर पानी रह जाने पर निथारकर 100 मिलीलीटर तिल के तेल में जलायें, फिर इसे ठंड़ा कर लेने के बाद बालों में लगाएं। इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाता है।
11. गोरखमुण्डी : 5 ग्राम गोरखमुण्डी के चूर्ण को सुबह पानी के साथ सेवन करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
12. कालीमिर्च : कालीमिर्च और नमक का चूर्ण प्याज के साथ पीसकर लगाने से सिर का दाद और बालों के झड़ने की शिकायत से राहत मिलती है।
13. मेथी : मेथी के बीजों को बालों में लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है। दाना मेथी पीसकर गंज के स्थान पर रोजाना लेप करने से बाल उग जाते हैं।
14. प्याज : प्याज का रस शहद में मिलाकर गंजेपन की जगह पर लगाने से फिर से बालों का उगना शुरू जाता है। गंज (सिर पर कहीं से बाल उड़ जाने को गंज कहते हैं) वाले भाग पर प्याज का रस रगड़ने से बाल वापस उगने लगते हैं और बाल गिरने रुक जाते हैं। प्याज के रस में नमक और कालीमिर्च का पाउड़र मिलाकर मालिश करने से सिर की दाद के कारण सिर के उड़ गये बाल फिर से आने लगते हैं।
15. महानिम्ब (बकायन ) : महानिम्ब के बीज के बीचले भाग (मध्य भाग) लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग से 1 ग्राम या छाल का चूर्ण 3 ग्राम से 6 ग्राम सेवन करने से लाभ होता है। इसे दिन में 2 बार यानी सुबह-शाम दें अथवा इसके पत्ते का रस 5 से 10 मिलीलीटर तक भी दे सकते हैं। इससे गंजेपन के रोग में लाभ होता है।
16. हारसिंगार : हारसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर सिर के गंजेपन की जगह लगाने से सिर में नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
17. करंज : करंज के फूलों को पीसकर सिर में बांधने से गंजेपन से लाभ होता है और नये बालों का आना शुरू
हो जाता है। इसे रोजाना रात को बांधें और सुबह नींबू के रस मिले पानी से साफ कर लें।
18. करजनी (गुंजा) : करजनी के बीजों का मिश्रण गंजेपन पर लगाने से नये बाल उगने शुरू हो जाते हैं। इसे रोजाना रात में लगाकर सिर को बांधे और सुबह नींबू रस मिले पानी से साफ कर लें। इससे लाभ होता है। गुंजा के बीजों के साफ तेल को उपयोग में लाने से बालों में लाभ होता है।
19. रोहिस घास : रोहिस घास के पत्तों का तेल सिर में मालिश करने से गंजेपन के रोग में लाभ होता है और नये बाल निकल आते हैं।
20. भंगरैया : भंगरैया का रस रोजाना गंजे सिर में मालिश करने और उसका रस 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
21. वन्यकाहू : वन्यकान्हू के बीज और कूठ को एक साथ पीसकर लेप करने से गंजेपन और बालों के झड़ने में कमी आती है।
22. रोजमरी : रोजमरी के तेल का प्रयोग गंजेपन और बालों के झड़ने में किया जाता है।
23. अलसी (तीसी ) : अलसी के तेल में बरगद (वटवृक्ष) के पत्तों को जलाने के बाद उसे पीसकर और छानकर रख लें। इस तेल को सुबह-शाम सिर में लगायें। इसी तरह इसे लगाते रहने से सिर पर फिर से बालों का उगना शुरू हो जाता है।
24. अमरबेल : अमरबेल के रस को रोजाना सिर में मालिश करने से बाल उग आते हैं। बालों के झड़ने से उत्पन्न गंजेपन को दूर करने के लिए गंजे हुए स्थान पर अमर बेल को पानी में घिसकर लेप तैयार कर लें, इस लेप को नियमित रूप से दिन में दो बार लगभग चार या पांच हफ्ते तक लगाएं। इससे अवश्य फायदा होगा।
25. सुहागा : 20 ग्राम सुहागा और 20 ग्राम कपूर दोनों को बारीक पीसकर पानी में घोलकर, बाल धोने से बालों का गिरना कम हो जाता है।
26. अनन्तमूल : 2 ग्राम अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण रोजाना खाने से सिर के बाल उग आते हैं और सफेद बाल
काले होने लगते हैं।
27. धनिया : धनिया का पानी निकालकर (पत्ते का रस) सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं। सिर पर हरे धनिये का रस लगाने से बाल निकल आते हैं।
28. चुकन्दर : चुकन्दर के पत्ते का रस सिर में मालिश करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
29. लहसुन : सिर में लहसुन का रस लगाने से बाल उग जाते हैं। इसका प्रयोग 60 दिनों तक करने से गंजापन दूर कर सकते हैं।
30. जातीपत्र : जातीपत्र, करंज बीज, वरुण छाल, करवीर मूल और चित्रक सभी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बनाकर साफ किया तेल उपयोग में लाना चाहिए। इससे बालों को लाभ होता है।
31. आमलकी : आमलकी फल मज्जा और आम के बीज जिनका छिलका उतार दिया गया हो पानी में लेप तैयार कर उपयोग में लाने से गंजेपन से लाभ होगा।
32. रसांजन (रसोत) : हाथी-दांत की राख में रसांजन और बकरी का दूध मिलाकर सिर पर लेप करने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
33. जमालगोटा : नींबू के रस में जमालगोटे के बीजों को पीसकर सिर पर लगाएं। सूखने पर कुछ ही देर में धो लें इसे हर रोज लगाते रहने से गंजेपन के रोग में लाभ होगा।
34. धतूरा : धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगने में सहायता मिलती है। इसका प्रयोग नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक करना चाहिए। धतूरे के पत्तों के रस का लेप करने से खालित्य (गंजापन) नष्ट हो जाता है।
35. मुलहठी : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से सिर में लगायें। अधिक रूसी होने पर तथा बाल अधिक झड़ने पर सिर पर मुलहठी लगाने से लाभ होता है।
36. दूधी : इसके पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) के रस और कनेर के पत्तों के रस को मिलाकर सिर
के गंजे स्थान पर लगाने से बाल सफेद होना बन्द हो जाते हैं तथा गंजापन दूर हो जाता है।
37. कलौंजी : जली हुई कलौजी हेयर आइल में मिलाकर नियमित रूप से गंजेपन
में मालिश करने से लाभ होता है।
38. ग्वारपाठा : रक्त घृत कुमारी (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर में लगाने से बाल उग जाते हैं।
39. गुड़हल :
- गुड़हल के फूल के फल को कालीगाय के मूत्र के साथ पीसकर गंजेपन की जगह पर लगाने से
- गंजेपन का रोग मिट जाता है। इससे बालों के बढ़ने में भी लाभ होता है।
- नोट : इसके बीज गोलाकर और अनेक बीजों से युक्त होते हैं।
- गंजापन दूर करने के लिए कालीगाय के पेशाब में गुड़हल के फूलों को पीसकर लगाने से बाल बढ़ जाते हैं और गंजापन भी दूर होता है। गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बनाकर बालों में लगा लें। 2 घंटे के बाद
- बालों को धोकर साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलता है बल्कि सिर में ठंडक का भी अनुभव होता है।
- गुड़हल के ताजे फूलों के रस में बराबर मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर आग में पका लें। जब केवल तेल शेष रह जाए तो इसे शीशी में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में मलकर जड़ों तक लगाने से बाल चमकीले और लंबे होते हैं।
- गुड़हल के फूल और भृंगराज के फूल को भेड़ के दूध के साथ पीसकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद इसे निकालकर भृंगराज के रस में मिलाकर लोहे के बर्तन में रख दें। 7 दिनों के बाद निकालकर भृंगराज के पंचांग के रस में मिलाकर, रात को गर्म करके बालों में लगायें। सुबह उठकर सिर को धो लें। इससे बाल काले हो जाते हैं।
40. कटेरी : कटेरी के पत्तों के 20-50 मिलीलीटर रस में थोड़ा शहद मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से कुछ ही दिनों में कीटाणु खत्म हो जाते हैं। इससे त्वचा मुलायम हो जाती है और गंजे स्थान पर नये बाल आ जाते हैं।
41. उड़द : उड़द की दाल को उबालकर पीस लें। रात को सोने के समय सिर पर लेप करें। इससे गंजापन धीरे-धीरे दूर हो जाता है और नये बाल आना शुरू हो जाते हैं।
42. नींबू : रोजाना 1 से 2 महीने तक लगातार नींबू का रस रगड़ने से बाल वापस उग आते हैं।
43. नीम :
- नीम के पत्ते 10 ग्राम तथा बेर के पत्ते 10 ग्राम लेकर दोनों को अच्छी तरह पीसकर इसका उबटन (लेप) तैयार कर लें। इसके बाद इस लेप को सिर पर लगाकर 1 से 2 घण्टे बाद धोने से बाल उग आते हैं। इसका प्रयोग एक महीने तक करने से लाभ मिलता है।
- 100 ग्राम नीम के पत्तों को एक लीटर पानी में उबाल लें। इससे बालों को धोकर नीम के तेल को लगाने से बाल उगने लगते हैं।
- नीम के तेल को सूंघने से गंजेपन का रोग दूर हो जाता है।
- नीम का तेल 2-3 महीने रोजाना बालों के उड़कर बने चकत्ते पर लगाने से बाल उग आते हैं।
45. लता करंज : लता करंज के तेल को सिर में लगाने से गंजापन में लाभ होता है। लता करंज के फूल 6 से 12 ग्राम को पीसकर सिर में लेप करके से सिर का गंजापन दूर होता है।
46. अनार : अनार के पत्ते पानी में पीसकर सिर पर लेप करने से गंजापन दूर हो जाता है। प्रतिदिन मीठा अनार खाने से पेट मुलायम रहता है तथा कामेन्द्रियों को बल मिलता है।
47. अपामार्ग : कड़वे तेल (सरसों) में अपामार्ग के पत्तों को जलाकर मसल लें और मलहम बना लें। इसे गंजे स्थानों पर नियमित रूप से लेप करते रहने से पुन: बाल उगने की संभावना होगी।
48. तीन चम्मच बेसन में डेढ़ गिलास पानी मिला कर इसे सिर के बालों में आधा घन्टे तक लगाए रखें। इसके बाद बालों को गुनगुने पानी से धो डालें। सूखने पर अच्छी तरह से बालों को झाड़ लें। ऐसा करने से सिर में लगे बेसन के कण अच्छी तरह से सिर के बालों से निकल जाते हैं और बाल चमकदार लगने लगते हैं।
49. लंबे बालों के लिए आंवले का रस और तिल का तेल बराबर मात्रा मिलाकर तब तक गर्म करें जब तक उसमें का पानी ना जल जाए। इसे ठंड़ा कर के शीशी में भरकर रख लें और नियमित रुप से बालों में लगाएं इससे सिर ठंडा तथा बाल लंबे, काले व मजबूत बोते हैं। बाजार में बिकने में वाले तेल केमिकल युक्त होने के कारण बालों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। साथ ही बाल धोने के लिए सुखे आंवले को रात में भिगों दे फिर उसी से बाल धोएं। इससे बाल मजबूत व मुलायम होते हैं।
50. शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
51. ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
50. शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
51. ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
52. कपूर काचरी 100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40ग्राम, शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी(लेप) बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो जाते हैं।
53. बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं।
54. त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
55. आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
56. भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
57. त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
58. खट्टी दही में चुटकी भर फिटकरी मिला लें,साथ ही थोड़ी सी हल्दी भी मिला लें। इस मिश्रण को सिर के बालों में लगाने से सिर की गंदगी तो दूर होती ही,साथ ही सिर में फैला संक्रमण भी दूर होता है। इस क्रिया को करने से सिर के बाल निखर उठते हैं।
54. त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
55. आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
56. भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
57. त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
58. खट्टी दही में चुटकी भर फिटकरी मिला लें,साथ ही थोड़ी सी हल्दी भी मिला लें। इस मिश्रण को सिर के बालों में लगाने से सिर की गंदगी तो दूर होती ही,साथ ही सिर में फैला संक्रमण भी दूर होता है। इस क्रिया को करने से सिर के बाल निखर उठते हैं।
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