दादी-नानी और पिता-दादाजी के बातों का अनुसरण, संयम बरतते हुए समय के घेरे में रहकर जरा सा सावधानी बरतें तो कभी आपके घर में डॉ. नहीं आएगा. यहाँ पर दिए गए सभी नुस्खे और घरेलु उपचार कारगर और सिद्ध हैं... इसे अपनाकर अपने परिवार को निरोगी और सुखी बनायें.. रसोई घर के सब्जियों और फलों से उपचार एवं निखार पा सकते हैं. उसी की यहाँ जानकारी दी गई है. इस साइट में दिए गए कोई भी आलेख व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं है. किसी भी दवा और नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार नजदीकी डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें.
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गुरुवार, जनवरी 29, 2015

सांस क्यों फूलती है


अक्‍सर ऐसा होता है कि बिना किसी बीमारी के भी काम करते हुए सांस फूलने लगती है या सीढ़ियां चढ़ने से सांस फूल जाती है। कई लोग सोचते हैं कि मोटे लोगों की सांस जल्दी फूलती है, लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार पतले लोगों की सांस भी थोड़ा चलने पर ही फूलने लगती है। दिल्ली जैसे शहर में जहां हर तरह का प्रदूषण है, सांस फूलने की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है।

कई कारण हैं

सांस फूलना या सांस ठीक से न लेने का अहसास होना एलर्जी, संक्रमण, सूजन, चोट या मेटाबोलिक स्थितियों की वजह से हो सकता है। सांस तब फूलती है जब मस्तिष्क से मिलने वाला संकेत फेफड़ों को सांस की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश देता है। फेफड़ों से संबंधित पूरी प्रणाली को प्रभावित करने वाली स्थितियों की वजह से भी सांसों की समस्या आती है। फेफड़ों और ब्रोंकाइल ट्यूब्स में सूजन होना सांस फूलने के आम कारण हैं। इसी तरह सिगरेट पीने या अन्य टाक्सिंस की वजह से श्वसन क्षेत्र (रेस्पिरेट्री ट्रैक) में लगी चोट के कारण भी सांस लेने में दिक्कत आती है। दिल की बीमारियों और खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने से भी सांस फूलती है।

बदलता मौसम भी है कारण

एलर्जी से होने वाले अस्थमा (दमा) की वजह से भी सांस फूल जाती है। यह स्थिति जीवन के लिए खतरा भी बन सकती है। बदलता मौसम इसे और बढ़ाता है। फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल और रिसर्च सेंटर के रेस्पिरेट्री के विभागाध्यक्ष डॉ. दानिश जमाल के अनुसार, ‘वसंत की गुनगुनी धूप की जगह गर्म हवाएं चलने लगी हैं। अधिकांश मरीज मौसमी दमे के शिकार हो जाते हैं। जो इसके मरीज हैं उन्हें इसके अटैक पड़ने लगते हैं। दिल्ली जैसे महानगर में तनाव भी इसकी बड़ी वजह है।’

नजरअंदाज न करें

छाती में दर्द हो, लगातार कफ रहता हो, छाती में घरघराहट की आवाज सुनाई दे, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार इनहेलर और दवाइयां दी जाती हैं।

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