आयुर्वेद आजमायें एक्ने की समस्या से निपटने के लिए
ज़रूरी नहीं कि एक्ने (किल -मुहासों ) सिर्फ टीन-एजर्स को ही हों. आजकल ये हर किसी को होते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उम्र के हैं. ऐसा शायद इसलिए क्योंकि आज की लाइफ बहुत ही ज्यादा स्ट्रेस (टेंशन भरी) और प्रदूषण से भरी हुई है. रंग चाहे सांवला हो या गेहुंआ, पिम्पल और रेडनेस का सामना सभी को करना पड़ रहा है. इसके बाद हमेशा के लिए रह जाने वाले ब्लेमिशेस भी इस एक्सपीरिएंस को जाने नहीं देते. 'एक्ने' के कारण : त्वचा का तैलीय होना एक्ने होने का मुख्य कारण है। हार्मोनल समस्या भी एक प्रमुख कारण है। दिन में दो बार आयल फ्री क्लींजर से त्वचा की नियमित सफाई करें। पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। एक्ने हर किसी को तंग करते हैं। हालांकि यह एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर इसका प्राकृतिक उपचार किया जाए तो इससे काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।
- युवावस्था में हार्मोंस में बदलाव के कारण होती है एक्ने की समस्या।
- सिबेशस ग्रंथि की अति सक्रियता और हार्मोन के कारण होते हैं एक्ने।
- गाय के ताजे दूध में चिरौंजी को पीसकर इसका लेप चेहरे पर लगायें।
- चमेली के तेल को सुहागा में मिलाकर रात को सोने से पहले लगायें।
अगर चेहरे पर मुंहासों के जैसे बहुत सारे दाने, हो जाएं और बहुत दिनों तक ठीक न हों तो जरा सावधान हो जाइए। यह एक्ने हो सकते हैं। एक्ने को आयुर्वेदिक उपचार से ठीक किया जा सकता है। दरअसल त्वचा के नीचे स्थित सिबेशस ग्लैंड्स से त्वचा को नम रखने के लिए एक तेल निकलता है। ये ग्रंथियां चेहरे, पीठ, छाती और कंधों पर सबसे ज्यादा होते हैं।
अगर ये ज्यादा सक्रिय हो जाएं तो रोमछिद्र चिपचिपे होकर बंद हो जाते हैं और उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो आगे चलकर एक्ने का कारण बनते हैं। सिबेशस ग्लैंड्स की अति सक्रियता की प्रमुख वजह एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता होती है। एंड्रोजन पुरुष सेक्स हार्मोन है और यह लड़के और लड़कियों दोनों में ही होता है। किशोरावस्था में इसका प्रभाव ज्यादा होता है। आइए हम आपको एक्ने के उपचार के लिए आयुर्वेद तरीकों के बारे में बताते हैं।
एक्ने की समस्या :-
कुछ लड़कियों को पीरियड्स से पहले बार-बार मुंहासे निकल आते हैं जो बिगड़कर एक्ने का रूप ले सकते हैं। ऐसा ओव्यूलेशन के बाद प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के ज्यादा सिक्रीशन की वजह से भी होता है। इससे त्वचा पर छोटे-छोटे दानों के गुच्छे जैसे बन जाते हैं। इसी तरह सिबेशस ग्रंथियों से उत्पन्न सीबम त्वचा के पिगमेंट मिलकर रोमछिद्रों को ब्लॉक कर देता है तो ब्लैकहेड्स बनते हैं। अगर त्वचा की अंदरूनी परत में सीबम जमा हो जाता है तो व्हाइटहेड्स बनते हैं। कई बार ब्लैकहैड्स और व्हाइटहेड्स त्वचा के भीतर फैलने के बाद फूट जाते हैं, जिससे बाहरी त्वचा पर एक्ने और ज्यादा फैल सकता है।
दरअसल टीनेज में हार्मोंस में लगातार बदलाव आते रहते हैं, नतीजन चेहरे पर दाग, धब्बे, मुंहासे और एक्ने की समस्या होने लगती हैं। एक्ने ऐसी समस्या है जो आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। अगर आपके परिवार में पहले भी परिवार वालों को एक्ने रहे हैं यानी आपके मां या पिता को भी यह समस्या रही है तो भी आपको इससे बचाव के लिए तैयार रहना चाहिए। एक्ने त्वचा का एक विकार है। एक प्रकार से यह मुंहासों का ही बिगड़ा हुआ रूप है।
चिरौंजी :-
गाय के ताजे दूध में चिरौंजी पीसकर इसका लेप बनाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने पर धो लें, इससे एक्ने की समस्या से निजात मिलेगी।
चमेली का तेल :-
चमेली के तेल को सुहागा में मिलाकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाकर मसलें। सुबह बेसन को पानी से गीला कर गाढ़ा-गाढ़ा चेहरे पर लगाकर मसलें और पानी से चेहरा धो डालें। इससे चेहरे पर होने वाली जलन पर बहुत आराम मिलेगा।
मसूर की दाल :-
मसूर की दाल 2 चम्मच लेकर बारीक पीस लें। इसमें थोड़ा सा दूध और घी मिलाकर फेंट लें और पतला-पतला लेप बना लें। इस लेप को मुंहासों पर लगाएं।
जायफल :-
मुंहासों को दूर करने के लिए जायफल भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए साफ पत्थर पर पानी डालकर जायफल घिसकर लेप को कील-मुंहासों पर लगाएं।
अन्य आयुर्वेदिक उपाय :-
शुद्ध टंकण और शक्ति पिष्टी (आयुर्वेदिक दुकानों में उपलब्ध) 10-10 ग्राम मिलाकर एक शीशी में भर लें। थोड़ा सा यह पावडर और शहद अच्छी तरह मिलाकर कील-मुंहासों पर लगाएं।
लोध्र, वचा और धनिया, तीनों 50-50 ग्राम खूब बारीक पीसकर शीशी में भर लें। एक चम्मच चूर्ण थोड़े से दूध में मिलाकर लेप बना लें और कील-मुंहासों पर लगाएं। आधा घंटे बाद पानी से धो डालें।
सफेद सरसों, लोध्र, वचा और सेन्धा नमक 25-25 ग्राम बारीक चूर्ण करके मिला लें और शीशी में भर लें। एक चम्मच चूर्ण पानी में मिलाकर लेप बना लें और कील-मुंहासों पर लगाएं।
मसूर, वट वृक्ष की कोंपलें (नरम छोटी पत्तियां), लोध्र, लाल चन्दन, सब 10-10 ग्राम बारीक चूर्ण करके मिला लें। एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। इसे कील-मुंहासों पर लगाएं।
आयुर्वेद उपचार के साथ ही एक्ने की समस्या से बचने के लिए चेहरे की साफ-सफाई रखना जरूरी हैं, ऐसे में चेहरे को बार-बार पानी से धोएं। और मेकअप कम से कम करें और गर्मियों में वॉटरप्रूफ मेकअप का ही इस्तेमाल करें।
आज आपको राज इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के 10 तरीके बता रहा है. इसे ट्राय करें और पाएं क्लिर स्किन.
1. एक अच्छा स्किन केयर रूटीन बनाएं
अगर आपकी स्किन ऑयली है और पिम्पल्स बहुत होते हैं तो एक अच्छा स्किन केयर रुटीन फॉलो करना ज़रूरी है. ‘क्लींज-टोन-मॉइश्चराइज़’ का साइकल हर दिन दो बार ज़रूर करें.
2. जेंटल क्लीन्जर यूज़ करें
क्लीन्जिग का असर पूरी तरह आपके द्वारा इस्तेमाल किए गए क्लीन्जर पर निर्भर करता है. हार्श या सख्त क्लीन्जर आपकी स्किन के अच्छे ऑयल और प्रोटेक्टिव बैरियर को भी हटा देते हैं. साबुन आपकी स्किन को बहुत ज्यादा ड्राय कर सकता है. इसलिए एक ऐसा क्लीन्जर इस्तेमाल करें जो आपकी स्किन ऑयल को बैलेंस तरीके से हटाए और जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी इनग्रिडिएंट्स भी हों, जो इरिटेटिड स्किन को आराम पहुंचाए. साथ ही, क्लीन्जिग बस अपने फिंगर टिप्स से ही करें. क्रीम-बेस्ड की जगह जैल मॉइश्चराइज़र लें. जैल-बेस्ड आपकी स्किन को हाइड्रेड करता है.
3. एक्सफोलिएट करें लेकिन सावधानी से
एक्सफोलिएट करना स्किन के लिए अच्छा है– परफेक्शन की चाह में आप अपनी स्किन को स्क्रब कर सकते हैं और ध्यान रखें कि उस पर ऑयली परत या बैक्टीरिया न पनपे, पर एक्सफोलिएंट ऐसा चूज़ करें जो प्रयोग में माइल्ड और जेंटल हो. बहुत सारे इनग्रिडिएंट्स और बीड्स जैसे हार्श कॉम्पोनेंट्स वाले एक्स्फोलिएंट्स को अवॉइड करें. ग्लाइसोल एसिड बेरंग हुए स्किन का कलर निखारता है, इसलिए एक ऐसा एक्स्फोलिएंट चुनें जिसमें यह हो.
4. टॉवल की थपकी लें
आपने सुना होगा – भगवान कण-कण में बसता है, इसलिए नहाने के बाद की केयर बहुत जरूरी है. थपकी देकर स्किन को सुखाएं और थोड़ा गीला ही रहने दें. इससे आपकी स्किन में इरिटेशन नहीं होगी.
5. ओवर-ड्राइंग अवॉइड करें
एक बार अगर आपने अपने ऑयलिनेस को हटाना डिसाइड कर लिया, तो आप इसे पूरी तरह हटाने की जैसे ठान ही लेते हैं और पूरी तरह ड्राई कर देते हैं. कभी भी एल्कोहल बेस्ड एंस्ट्रिजेंट्स का प्रयोग न करें, ये त्वचा को पूरी तरह ड्राई कर देते हैं.
6. अच्छी मॉइश्चराइजिंग टेकनीक का प्रयोग करें
जी हां, सभी को पता है कि एक अच्छे मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल स्किन केयर का आधा काम पूरा कर देता है. नहाने के तुरंत बाद मॉइश्चराइज़र लगाएं ताकि नमी बनी रहे और एब्जॉर्ब्सन हो सके. रेटिनॉल, सेलिसिलिक (salicylic) और लैक्टिक एसिड वाले मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करें क्योंकि ये ऐसे इंग्रिडिएंट्स हैं जो स्किन डैमेज को कंट्रोल करते हैं. हाइड्रेट करने वाले मॉइश्चराइज़र भी यूज़ कर सकते हैं.
7. आपके ब्यूटी इन्स्ट्रूमेंट्स साफ होने चाहिए
आपके वॉशिंग पैड्स से लेकर मेकप ब्रश तक साफ होने चाहिए ताकि उन पर बैक्टीरिया न पनपें. आपका पाउडर पफ भी हर सप्ताह साफ हो इसका ध्यान रखें और दो सप्ताह में कम से एक बार अपने ब्रश को शैंपू से ज़रूर साफ करें. ज़्यादा अच्छे रिजल्ट्स के लिए उन्हें एयर-ड्राई करें.
8. पिम्पल्स को हाथ न लगाएं
आपके हाथ गंदगी फैलाने का ज़रिया हैं. कभी भी पिम्पल को फोड़ने की कोशिश न करें, फिर भले ही वह कितना भी दर्द करता हो. इनपर स्पॉट रिडक्शन क्रीम लगाएं और इंतजार करें या अगर उतना समय न हो तो टूथपेस्ट ट्राई करें. बस एक डैब करें और पिम्पल ड्रायअप हो जाएंगे.
9. मेकप जो नुकसान न करें
अक्सर आप स्किन केयर का बहुत ध्यान रखती होंगी लेकिन अपनी कंवेनिएंट (सुविधा) से मेकप, जिसके कारण इसकी ज्यादा जरूरत पड़ती है, उसे भूल जाते हैं. ऐसा मेकप यूज करें या खरीदें जो पोर्स को बंद न करें. मिनरल बेस्ड कॉस्मेटिक यूज करें क्योंकि इनमें सिलिका, टाइटेनियम डाइऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड जैसे इनग्रिडिएंट्स होते हैं जो एक्सेस ऑयल को सोखने में मदद करते हैं.
10. अपने बालों का ध्यान रखें
कई बार आपके बाल चहरे के लिए परेशानी की वजह बन सकते हैं. हेयर स्कैल्प के डैंड्रफ या इरिटेशन आपकी स्किन के लिए भी समस्या बन सकती हैं. यहां तक कि आर्टिफिशियल फ्रेगरेन्स और प्रिज़र्वेटिव्स शैंपू और हेयर प्रोडक्ट्स भी एक्ने का कारण बन सकते हैं. इसलिए इन्हें लेने से पहले इनका लेबल जरूर पढ़ें और सुरक्षित रहें.
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