कब्ज 72 नई बीमारियों को जन्म देती है "राज"
कब्ज यूं तो छोटी समस्या लगती है और इस कारण लोग इसे काफी नजरअंदाज भी करते हैं, लेकिन इसे छोटी समस्या समझना सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। आप पेट से जुड़ी इस समस्या को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करते हैं तो यह सेहत के लिए घातक साबित हो सकती है, बता रहे हैं राजेश मिश्रा...
आपकी मुलाकात शूजित सरकार की फिल्म 'पीकू' में भास्कर बैनर्जी से तो हुई होगी। जी हां, अमिताभ बच्चन की ही बात हो रही है, जो पीकू फिल्म में दीपिका पादुकोण के पिता बने हैं। पूरी फिल्म में भास्कर बैनर्जी कब्ज से परेशान रहते हैं (जिसकी कोलकाता (ठणठनिया) में शूटिंग के दौरान ट्रैफिक अव्यवस्था के कारन मैं भी कई दिन परेशान था...) लेकिन यह परेशानी सिर्फ भास्कर बाबू की नहीं है। देश के लगभग 20 फीसदी लोग कब्ज से त्रस्त हैं। इनमें से 14 प्रतिशत वो लोग हैं, जो शहरों में रहते हैं। शहर का रहन-सहन, कुछ भी खा लेने की आदत और मजबूरी, घटते शारीरिक श्रम आदि ने कब्ज को इनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है।
खाने में इन्हें जरूर शामिल करें
कीवी, शकरकंद, पॉपकॉर्न, पिस्ता, अखरोट, बादाम, मूंगफली, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अलसी के बीज, ब्रॉकली, दूध और दही।
बीमारियों की आशंका
यदि आपको लगातार तीन महीने से कब्ज है तो कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं।
आइये कब्ज को थोड़ा करीब से समझते और जानते हैं, क्योंकि जब पेट ठीक रहेगा, तभी जीवन की गाड़ी भी ठीक चलेगी।
कारण पर डालें नजर
कब्ज कई तरह का हो सकता है। जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। ऐसा कई वजहों से हो सकता है, मसलन, खानपान में अचानक आया बदलाव, यात्रा, उम्र, गर्भावस्था आदि।
खानपान
खानपान में किसी भी तरह का बदलाव कब्ज का कारण बन सकता है, जैसे अचानक बहुत ज्यादा तैलीय खाना खाने या वजन घटाने के लिए खाने पर नियंत्रण करने की वजह से भी कब्ज हो जाता है। इसके अतिरिक्त यदि आप बहुत ज्यादा वसायुक्त चीजें पसंद करते हैं या शराब और कॉफी पीते हैं तो भी कब्ज के शिकार हो सकते हैं।
पानी से दूरी
कुछ लोग बहुत कम पानी पीते हैं। ऐसे लोग मानते हैं कि दिन में दो गिलास पानी पी लें तो भी उनका काम चल जाएगा, लेकिन इससे हमारे पाचन तंत्र और शरीर की जरूरतें पूरी नहीं होतीं।
व्यायाम
क्या आप रोजाना कसरत करते हैं? रोजाना न सही, सप्ताह में चार दिन तो करते होंगे। नहीं? पाचन तंत्र के बिगड़ने या कब्ज होने की यह सबसे बड़ी वजह है। शारीरिक व्यायाम के अभाव में हमारा मेटाबॉलिज्म खराब हो जाता है। मेटाबॉलिज्म के कमजोर पड़ते ही हमारी पाचन क्रिया गड़बड़ हो जाती है।
दवाएं
कुछ दवाओं के सेवन से भी कब्जियत हो जाती है। ज्यादातर मामले पेन किलर्स की वजह से देखने को मिले हैं। कुछ विटामिन और आयरन की खुराक से भी यह समस्या हो जाती है। ऐसे में डॉक्टर से राय लेकर आप इन दवाओं के साथ स्टूल सॉफ्टनर दवाएं ले सकते हैं।
खतरनाक हो सकते हैं परिणाम
साधारण सी दिखने वाली परेशानी कई बार जी का जंजाल बन जाती है। कब्ज की बीमारी कुछ ऐसी ही है। मैक्स हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉ. मोनिका महाजन के अनुसार, कब्ज पर लगाम न कसा जाए तो अपने विकराल रूप में आने के बाद यह कई दूसरी बीमारियों को भी न्योता देता है।
क्या हैं उपचार
नीबू पानी
नीबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नीबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।
दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खायें। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिला कर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
आयुर्वेद की मदद
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।
आंकड़ों में कब्ज
सुनने में भले ही छोटी बीमारी लगती हो, पर कब्ज एक ऐसा रोग है, जिससे हर 10वां व्यक्ित परेशान है। खासकर शहरों में तो कब्ज की समस्या बेहद आम है।
14% भारतीय शहरी आबादी को रहती है कब्ज की समस्या।
10% लोग वैश्विक स्तर पर हमेशा रहते हैं इस कब्ज से परेशान।
20% 45 से 65 साल की उम्र के लोग इससे होते हैं सबसे ज्यादा त्रस्त।
80% लोग परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ने के बाद ढूंढ़ते हैं उपचार।
इन शहरों में ज्यादा है कब्ज की समस्या
21% कोयंबतूर
19% मुंबई
13% दिल्ली
13% कोलकाता
इन नुस्खों को प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। अपनाने के बाद भी अगर पेट की बीमारी ठीक नही होती तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
कब्ज के उपचार के घरेलू उपाय –
- सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा।
- 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी।
- कब्ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्ज दूर हो जाता है।
- हर रोज रात में हर्र को पीसकर बारीक चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को कुनकुने पानी के साथ पीजिए। कब्ज दूर होगा और पेट में गैस बनना बंद हो जाएगा।
- रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
- इसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण दवा है। दूध या पानी के साथ रात में सोते वक्त इसबगोल की भूसी लेने से कब्ज समाप्त होता है।
- पका हुआ अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
- किशमिश को पानी में कुछ देर तक डालकर गलाइए, इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।
- पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
- अंजीर के फल को रात भर पानी में डालकर गलाइए, इसके बाद सुबह उठकर इस फल को खाने से कब्ज की शिकायत समाप्त होती है।
- मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के तत्व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है।
इन नुस्खों को प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। अपनाने के बाद भी अगर पेट की बीमारी ठीक नही होती तो चिकित्सक से संपर्क अवश्य कीजिए।
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