Home Remedies for Cracked Heel
सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा का हमारी त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। त्वचा शुष्क हो जाती है, इसलिए सर्दियों में त्वचा को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। त्वचा की देखभाल में लापरवाही बरतने से सर्दियों में हाथ-पांव की त्वचा फटने लगती हैं। सबसे अधिक एड़ियां प्रभावित होती हैं। कभी-कभी तो एड़ियां इतनी फट जाती है कि चलने में काफी कठिनाई होती है और उन फटी दरारों से खून निकल आता है।
फटी एड़ियां देखने में भी भद्दी लगती हैं। यदि खूब सजी-संवरी स्त्री की एड़ियां फटी-फटी हों तो सारा श्रृंगार बेकार हो जाता है। ऐसी महिला उपहास का पात्र बन जाती है। देखने वाली महिलाएं बिना छींटाकशी किये नहीं रह पाती। यदि आप अपने व्यस्त समय में से थोड़ा-सा समय निकालकर एड़ियों की देखभाल करती रहेंगी तो न एड़ियों पर मैल जमेगी और न वे फटेंगी ही। वे आकर्षक और खूबसूरत बनी रहेंगी और आप कभी उपहास का पात्र नहीं बनेंगी।
जैसे-जैसे सर्दी का मौसम अपने शबाब पर पहुंचता है, पैरों की खूबसूरती को बनाए रखना मुश्किल होता जाता है। पैरों की चमड़ी का सख्त हो जाना और एड़ियों का फटना जैसी समस्याएं इस मौसम में आम तौर पर उभरकर सामने आती हैं। इससे बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना आवश्यक है।
पांवों की देखभाल में लापरवाही बरतने से उनपर मैल जमने लगती है जो पांवों व एड़ियों के फटने का कारण बनती है। अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यस्त रहने वाली महिलाएं जल्दी-जल्दी स्ान कर लेती हैं और पांवों और एड़ियों की साफ-सफाई पर विशेष रूप से ध्यान नहीं दे पाती जिससे उन पर मैल जमकर एड़ियां फट जाती हैं। अन्य तत्वों के समान कैल्शियम भी शरीर के लिए लिए आवश्यक तत्व है। इस तत्व के अभाव में एड़ियां फटती हैं। हमेशा नंगे पांव चलने से उन पर धूल जम जाती है जिसके कारण एड़ियां फटती हैं। यदि आप अपनी एड़ियों को फटने से बचाना चाहती है तो घर पर भी नंगे पांव न रहें।
अधिक देर तक पानी में रहकर काम करने से भीगी एड़ियां फट जाती हैं। खुश्की भी एड़ियों के फटने के कारणों में से है।
यदि आपकी एड़ियां फट गयी हैं, चलने में पीड़ा होती है या दरारों से खून निकलता है तो नीचे लिखी सावधानियां बरतें। इससे एड़ियों की पीड़ा कम होगी तथा फटी दरारें भी भरेंगी।
जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें-
क्या है एड़ियां फटने की मुख्य वजह
एड़ियां फटने की मुख्य वजह शरीर में कैल्शियम और चिकनाई की कमी होती है। एड़ी व तलवों की त्वचा मोटी होती है, इसलिए शरीर के अंदर बनने वाला सीबम यानी कुदरती तेल पैर के तलवों की बाहरी सतह तक नहीं पहुंच पाता। फिर पौष्टिक तत्व व चिकनाई न मिल पानेकी वजह से ही एड़ियां खुरदरी-सी हो जाती हैं और इनमें दरार पड़ने लगती है।
एड़िया ज्यादा फटने से दर्द और जलन तो होती ही है, कभी-कभी खून भी निकल आता है।
ठंड में फटी एड़ियों से छुटकारा पाने के नुस्खे
- डेढ़ चम्मच वैसलीन में एक छोटा चम्मच बोरिक पावडर डालकर अच्छी तरह मिला लें और इसे फटी एड़ियों पर अच्छी तरह से लगा लें, कुछ ही दिनों में फटी एड़ियां फिर से भरने लगेंगी।
- अगर एड़ियां ज्यादा फटी हुई हों तो मैथिलेटिड स्पिरिट में रुई के फाहे को भिगोकर फटी एड़ियों पर रखें। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें, इससे एड़ियां ठीक होने लगेंगी।
- गुनगुने पानी में थोड़ा शैंपू, एक चम्मच सोड़ा और कुछ बूंदें डेटॉल की डालकर मिला लें। इस पानी में पैरों को 10 मिनट तक भिगोकर रखें। त्वचा फूलने पर मैथिलेटिड स्पिरिट लगाकर एड़ियों को प्यूमिक स्टोन या झांवे से रगड़कर साफ कर लें। इससे एड़ियों कीमृत त्वचा साफ हो जाएगी। फिर साफ तौलिए से पोंछकर गुनगुने जैतून या नारियल के तेल से मालिश करें।
- पैरों को साफ व खूबसूरत बनाए रखने के लिए पैडिक्योर को अवश्य चुनें। यह पैरों के नाखून, एड़ी व तलवों की सफाई का शानदार तरीका है।
- पैडीक्योर एक आसान विधि है, इसे आप खुद घर पर भी कर सकती हैं अगर आपके पैरों की दशा ज्यादा खराब है तो पैडीक्योर किसी ब्यूटी स्पेशलिस्ट से ही करवाना मुनासिब है।
- पानी में बोरेक्स पाउडर या नमक मिलाकर करीब उसमें 5 मिनट पांवों को रखें। फिर पांवों को धोकर व तौलिए से अच्छी तरह पोंछकर जैतून का तेल लगा लें।
- एक चम्मच एरंड का तेल एक चम्मच नींबू का रस तथा एक चम्मच गुलाब जल को एक साथ मिला लें। रात को सोते समय इस मिश्रण से एड़ियों की मालिश करें। इससे बिवाई में लाभ मिलेगा।
- बिवाइयों पर मेंहदी का लेप लगाएं। बिवाई सेमुक्ति मिलेगी।
- यदि एड़ियों पर फटी दरारें गहरी हों तो डिटोल मिले पानी में एड़ियों को डुबाकर कुच देर रखें। इससे उभरी त्वचा नरम हो जायेगी। उसे तेज ब्लेड से काट दें और उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगा लें। त्वचा काटते समय ध्यान रखें कि जीवित त्वचा न कटे।
- आम की गुठली को पीसकर महीन पाउडर बनाकर नारियल तेल में मिलाकर बिवाइयों पर लगाएं। इससे दरारें भरेंगी और एड़ियों का कालापन भी दूर होगा।
- एक चम्मच शुध्द घी तथा एक चम्मच शुध्द मोम लेकर एक साथ किसी पात्र में गर्म करें। जब दोनों मिलकर एकसार हो जाएं तो उतार लें तथा गर्म-गर्म द्रव रूई से दरारों पर टपकाएं। इससे सिंकाई हो जायेगी और आराम महसूस होगा। कुछ दिन यह प्रयोग से एड़ियां होगा। कुछ दिन यह प्रयोग करने से एड़ियां ठीक हो जायेंगी।
- एक कटोरी मधुमक्खी के मोम को गर्म कर लें। उसमें आधा कटोरी सरसों का तेल मिलाएं। अब एक पतीली पानी में यह मिश्रण छान लें। थोड़ी देर में मिश्रण पतीली की तली में बैठ जायेगा। पानी फेंककर तली में जमा मिश्रण को किसी पात्र में रख लें। रोज रात को सोते समय एड़ियों को साफ करके उस पर लगाएं। इसके इस्तेमाल से फटी एड़ियों में लाभ मिलता है।
- यदि फटी एड़ियों से खून निकलता हो तो वेसलीन लगाकर गर्म कपड़े से सेंक दें। विटामिन बी कम्प्लेस का सेवन करें। लाभ प्राप्त होगा।
- यदि एड़ियों की दरार गहरी हो तो स्प्रिट में रूई भिगोकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद एड़ियों पर रखें।
- रात को सोते समय गुनगुने नारियल का तेल बिवाइयों पर लगाएं व मोजे पहनकर सोएं। सुबह पैरों को गर्म पानी में डुबाए रखें। फिर ब्रश रगड़कर तलवे के फटे हिस्सों को साफ करके पोंछ लें और वेसलीन लगा लें।
- किसी बर्तन में 100 ग्राम वनस्पति घी गर्म करें। उसमें करीब 300 ग्राम मेहंदी की हरी पत्तियां डालकर धीमी आंच पर गर्म करें। बीच-बीच में चलाते रहें। जब मेहंदी की पत्तियां जलकर ब्राउन हो जाएं तो उसे आंच से उतारकर ठंडा करें। अब पत्तियों को निकाल कर निचोड़ लें और घी को किसी पात्र में रख लें। इसे रोज एक बार एड़ियों पर लगाएं। इसके इस्तेमाल से सालों फटी रहने वाली एड़ियां भी ठीक हो जाती हैं। इस मरहम को लगाने के बाद एड़ियों पर धूल-मिट्टी न लगने दें और हल्के गर्म पानी से ही पैर धोएं।
- यदि फटी एड़ियों के समय किसी पार्टी या समारोह में जाना पड़े तो एड़ियों पर महावर लगाकर जाएं।
- यदि एड़ियां ठीक हो जाएं तो बचाव के लिए सर्दियों में दिन भर मोजे पहने रहें। पैरों को साफ रखें। स्ान करते समय एड़ियों को प्यूमिस स्टोन से धीरे-धीरे रगड़कर साफ कर लिया करें। इससे एड़ियों की त्वचा साफ रहेगी और एड़ियां नहीं फटेंगी।
- एक पात्र में गुनगुना पानी लें। उसमें एक नींबू का रस तथा आधा चम्मच सोडा बाईकार्बोनेट मिला लें। इसमें पैर को 10-15 मिनट रखें। फिर स्क्रवर से रगड़कर एड़ियों को साफ कर लें। तौलिए से पांव पोंछ कर वेसलीन लगा लें। इस तरह एड़ियों की सप्ताह में एक बार सफाई करें तथा इसे रात में ही करें। अंडे की जर्दी एड़ियों पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो नींबू के छिलके से एड़ियों को रगड़ें और गुनगुने पानी से पैरों को धो लें। इससे एड़ियों का मैल व खुरदरापन दूर होगा। एड़ियों की सुन्दरता बरकरार रहेगी। 10-15 दिनों के अंतराल पर पैडीक्योर ट्रीटमेंट भी लेना चाहिए। इससे एड़ियों को लाभ होगा।
- आप थोड़ा सा समय एड़ियों की देखरेख के लिए देंगी तो आपको एड़ियों के कारण कहीं भी उपहास का पात्र नहीं बनना पड़ेगा। इसे हमेशा ध्यान रखें कि सौंदर्य को निखारने में एड़ियों का भी महत्व है, इसलिए एड़ियों के प्रति लापरवाही नहीं बरतें।
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