राज द्वारा बताये गए सुझाव, सावधानी और उपाय को अपनाकर परिवार सहित सर्दी में सुखमय जीवन व्यतीत करें... राजेश मिश्रा
सर्दियों के मौसम में हर उम्र के लोगों को देखभाल की आवश्यकता होती है, सर्दियों का मजा अच्छे से लेने के लिए इस समय विशेष सावधानी रखना बेहद जरूरी होता है। यह माना हुआ तथ्य है कि सर्दियां अपने साथ कई बीमारियां भी लाती हैं। थोड़ी सी सावधानी बरतने पर सर्दियों के ये दिन आपके लिए 'अच्छे दिन' साबित होंगे।
सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं, जिससे हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है और शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी आती है। इससे दिल और दिमाग पर प्रभाव पड़ता है।
ठंडे मौसम में खासकर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाइपरटेंशन काफी बढ़ जाता है। सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला भोजन खाने लगते हैं। मधुमेह और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में आम तौर पर निमोनिया भी हो जाता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव बताते हैं कि सर्दियों में होने वाली निमोनिया, अवसाद, हाइपोथर्मिया व ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव सहित अन्य बीमारियां रोकी जा सकती हैं। इसके लिए जीवनशैली की कुछ आदतों में थोड़ा सा बदलाव करके इनका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सर्दियों में शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह मुश्किलें पैदा कर सकती है। सेहतमंद आहार लें और उटपटांग खाने से बचें। थोड़े-थोड़े अंतराल पर आहार लेना ज्यादा बेहतर रहता है।
इन बातों का रखें ध्यान :
- सर्दियों के अवसाद से बचने के लिए लंबे समय तक धूप मे बैठें या चारदीवारी के अंदर बत्ती जला कर रहें।
- गर्मियों की तुलना में सर्दियों में तड़के ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है। इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीजों को चाहिए कि वह अपने डॉक्टर से सर्दियों में ब्लड प्रेशर की दवा बढ़ाने को कहें।
- सर्दियों में दिल के दौरे भी अधिक पड़ते हैं, इसलिए सुबह-सुबह सीने में होने वाले दर्द को नजरअंदाज न करें।
- सर्दियों में ज्यादा मीठा, कड़वा और नमकीन खाने से परहेज करें।
- सभी को अपने डॉक्टर से निमोनिया और फ्लू की वैक्सीन के बारे में पूछना चाहिए।
- बहुत छोटी उम्र और उम्रदराज लोगों के निमोनिया सर्दियों में जानलेवा हो सकता है, ज्यादा खतरे वाले लोगों खास कर दमा, डायबिटीज और दिल के रोगों से पीड़ित लोगों को फ्लू का वैक्सीन जरूर दिलाएं।
- सर्दियों में बंद कमरों में हीटर चला कर सोने से बचें।
- गीजर सहित सभी बिजली यंत्रों की अर्थिग की जांच करवाएं।
- मीठे पकवान बनाते समय चीनी का प्रयोग करने से बचें।
- एक तापमान से दूसरे तापमान में जाने से पहले अपने शरीर को संतुलित तापमान पर ढलने का समय दें।
- विटामिन ‘डी’ अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को हर रोज सुबह 10 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद कम से कम 40 मिनट धूप में जरूर बिताएं।
बच्चों और बुजुर्गों को चाहिए खास देखभाल
वैसे तो सर्दियों के मौसम में हर उम्र के लोगों को देखभाल की आवश्यकता होती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों को ऐसे मौसम में खास देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि उनकी प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर होती है।सर्दियों में बच्चों का ख्याल रखें क्योंकि छोटे बच्चे बता भी नहीं सकते कि उन्हें ठंड लग रही है, आइये जाने बच्चों की देखभाल के टिप्स:
- अपने शिशु का टीकाकरण समय पर करायें, जिससे वो कर्इ संक्रामक बीमारियों के खतरे से दूर रहे।
- शिशु के सर व पैर हमेशा ढक कर रखे।
- बच्चों को स्कूल में साफ सफार्इ रखने को प्रेरित करे।
- बच्चों में ज्यादा दिन तक रहने वाला सर्दी जुकाम नीमोनिया भी हो सकता है।
- नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता बनाये रखने के लिए उसे स्तनपान कराये।
- स्कूल जाने वाले बच्चों को पोषक आहार दें और उन्हें मुंह पर रूमाल रखकर छींकने व खांसने की आदत डाले।
- बाहर ज्यादा ठंड होने पर बच्चों को इनडोर गेम्स खेलने को प्रेरित करे।
- समय-समय पर ब्लड प्रेशर नापते रहें और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखे।
- सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक कारण होता है रक्त वाहिकाओं का संकुचित हो जाना, जिससे हृदय पर दबाव पड़ता है।
- अपने चिकित्सक से समय-समय पर मिलते रहे।
- रोज़ व्यायाम करे।
- खाने में तेल, घी कम से कम खाये।
- सरदर्द, घबराहट, आंखों में भारीपन महसूस होने पर चिकित्सक से मिले।
- चाय, काफी, धूम्रपान व शराब का सेवन ना करे।
- पोषक आहार लें
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